‘अबू उस्मान अम्र इब्न बहर अल-कितनानी अल-बसरी’ जिसे आमतौर पर लोग ‘अल-जाहिज़’ (Al-Jahiz) के नाम से जानते हैं। इनका जन्म दिसंबर 776 में और मृत्यु जनवरी 869 को हुई। अल-जाहिज़ एक अरब गद्य लेखक और कुरान , अरबी व्याकरण, प्राणीशास्त्र, शब्दावली और राजनीतिक-बयानबाजी सहित विभिन्न विषयों के लेखक थे। अल-जाहिज़ ‘इस्लामि स्वर्ण युग’ के दौरान बगदाद के बैत अल-हिकमा से जुड़े थे।
अल-जाहिज़ उन कुछ मुस्लिम विद्वानों में से एक थे जो जीव विज्ञान से गहरा संबंध रखते थे, हालांकि अल जाहिज़ ने अन्य विषयों पर भी बहुत गहराई से लिखा है लेकिन इस लेख में हम अल-जाहिज़ के प्राणीशास्त्र पर लिखे गए किताब पर ही बात करेंगे। अल-जाहिज़ ने अपनी किताब ‘किताब-उल-हैवान’ में इस बात पर चर्चा करते है कि जानवर अपने परिवेश के अनुकूल कैसे होते हैं, अल-जाहिज़ ने तर्क दिया कि कुत्तों, लोमड़ियों और भेड़ियों जैसे जानवर एक सामान्य पूर्वज से निकले होंगे क्योंकि वे चार पैर, फर, पूंछ, और इसी तरह की विशेषताओं को साझा करते थे, जाहिज़ का विचार था कि भोजन, पर्यावरण और जगह ऐसे कारक हैं जो जानवरों को प्रभावित करते हैं और उन्हीं के प्रभाव से जानवरों की विशेषताएं बदल जाती है , जिससे जानवरों की एक नस्ल दूसरी नस्ल में बदल सकते है।
अल-जाहिज़ इसके अलावा अस्तित्व और प्राकृतिक चयन के लिए संघर्ष का वर्णन भी करते है। जिस प्रक्रिया द्वारा किसी प्रजाति में कोई जैविक गुण कम या अधिक हो जाता है उसे ‘प्राकृतिक चयन’ (Natural selection) कहते हैं। आसान भाषा में प्राकृतिक चयन किसी प्रजाति को बचे रहने और प्रजनन मे सहायता करते हैं।
हम अपने पिछले कई लेख में यह बता चुके हैं की दुनियाभर में मुस्लिम वैज्ञानिकों, विद्वानों खोजकर्ताओं ने जो योगदान दिया है उसे एक बड़ी साजिश के तहत नज़र-अंदाज किया गया, कुछ का नाम बदलकर छुपाया गया तो कुछ के सामने उनके बाद किए गए कार्यों को तरजीह दी गई। इसके बहुत सारे उदाहरण हैं जैसे फ्लाइंग मशीन अब्बास इब्न फिरनास ने बनाया लेकिन लिनार्डो द विंची को डिजाइन बनाने और राइट ब्रदर्स को इसका मॉडल बनाकर सफलतापूर्वक उड़ाने का श्रेय दिया जाता है, अलजेब्रा पर विस्तृत अध्ययन करने और उसको आसान बनाने वाले ‘मुहम्मद अल ख्वारिज़्मी’ को पहले उनका नाम बदलकर लैटिन में एल्गोरिदम कर दिया गया फिर एल्गोरिदम को एक गणितीय तरीका बना दिया गया जिससे उनका नाम छुप गया, दुनिया का सबसे पहला ऑटोमेटेकली चलने वाला रोबोट अल-जजरी ने बनाया लेकिन रोबोटिक्स का पिता जोसेफ एफ. एंजेलबर्गर को कहा जाता है।
इसी तरह चार्ल्स डार्विन से लगभग 1000 साल पहले अल-जाहिज़ के द्वारा ‘विकास का सिद्धांत’ और ‘प्राकृतिक चयन’ पर किए गए शोधों और खोजों पर लिखी गई पुस्तक के बावजूद चार्ल्स डार्विन को ही ‘विकास का सिद्धांत’ और ‘प्राकृतिक चयन’ का प्रतिपादन या प्रस्तुतकर्ता कहा जाता है।
(इस महान मुस्लिम शोधकर्ता और लेखक के बारे में पढ़ के कैसा लगा कॉमेंट में बताएं और शेयर जरूर करें।)