इस समय इंडिया और पाकिस्तान में एक सीरियल ने धूम मचा रखा है, अब तो आप समझ ही गए होंगे कि आखिर हम किस सीरियल की बात कर रहे हैं, जी हां हम बात कर रहे हैं एर्तुग़रुल ग़ाज़ी सीरियल की। एर्तुग़रुल ग़ाज़ी सीरियल के माध्यम से उस्मानी सल्तनत के गौरशाली इतिहास के बारे में लोगों को पता चल रहा है, इससे पहले अधिकांश लोगों को उस्मानीया सल्तनत के बारे में पता ही नहीं था।
उस्मानिया सल्तनत के बहुत सारे दुश्मन थे इनमें से एक था रोमानिया के वालाशिया का राजा ड्रेकुला। ड्रेकुला एक क्रूर तानाशाह था जिसे इतिहास का सबसे खौफनाक हत्यारा भी कहा जाता है। ड्रेकुला पर बहुत सारी नावेल लिखी जा चुकी हैं और बहुत सारी फिल्में भी बन चुकी हैं। इन नॉवेल और फिल्मों में ड्रैकुला का खूब महिमामंडन किया गया है, किसी फिल्म में उसे नायक तो किसी में उसे खलनायक बताया गया है। लेकिन आज हम आप को ड्रैकुला के सच्ची कहानी से वाकिफ कराएंगे।
कौन था ड्रेकुला?
15वीं शताब्दी में रोमानिया के वालाशिया का राजा व्लाद ड्रेकुल थे जो कि ड्रेकुला के पिता थे। व्लाद ड्रेकुल ने उस्मानिया सल्तनत (ऑटोमन एंपायर) से अपनी वफादारी दर्शाने के लिए अपने दो बेटों व्लाद तृतीय और रदू को उस्मानिया सल्तनत को सौंप दिया, ऐसा करना उस समय एक रिवाज और समझौत भी था। कुछ समय तक उन राजकुमारों को टोकाट किले में कैद रखा गया, उस समय ऐसा करना सल्तनत के प्रति वफादार करने की एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया थी।
ड्रेकुला ने पड़ोसी राज्य के राजा डान थ्री को युद्ध में हराकर अपने महल में ले गया जहां कई दिनों तक टॉर्चर किया और अंत में उसका सर काट दिया और उसके खून को एक कटोरे में भर कर उसमे ब्रेड डुबो कर खाया और बचा खून पी गया।
कुछ समय बाद राजकुमारों को उस्मानिया सल्तनत के राजकुमारों के साथ शिक्षा लेने के लिए भेज दिया गया जिसमें मुहम्मद अल फातेह भी थे जो बाद में उस्मानिया सल्तनत के खलीफा बने। यहां व्लाद और उसके भाई ने तलवारबाजी और युद्ध के दूसरे गुर सीखे। व्लाद के भाई रादू को यहां बहुत अच्छा लगा और उसने इस्लाम अपना लिया और हाफ़िज़ भी बना।
जब उस्मानियों ने ड्रेकुला को वालासिया का राजा बनाकर भेजा-
कुछ सालों बाद वालाशिया पर पड़ोसी राज्य ने हमला कर दिया और राजा व्लाद ड्रेकुल कि हत्या कर दी। तब ऑटोमन ने व्लाद तृतीय को वालासिया का राजा बनाकर भेजा, क्यों कि ऑटोमन सुल्तान को लगता था कि एक मुस्लिम को वलासिया का राजा नहीं बना सकते। इस लिए व्लाद तृतीय (ड्रेकुला) को भेजा। ड्रेकुला ने वालशिया का राजा बनने के बाद अपने पिता के मौत का भयानक बदला लिया। ड्रेकुला ने पड़ोसी राज्य के राजा डान थ्री को युद्ध में हराकर अपने महल में ले गया जहां कई दिनों तक टॉर्चर किया और अंत में उसका सर काट दिया और उसके खून को एक कटोरे में भर कर उसमे ब्रेड डुबो कर खाया और बचा खून पी गया।
उसे अपने पिता की धोखे के बाद हत्या की बात पता थी, ऐसा उसके साथ ना हो इस लिए उसे जिस जिस पर शक होता उसे महल में दावत पर पूरे परिवार के साथ बुला लेता, उसके बाद उस पूरे परिवार को दोबारा नहीं देखा जाता। इतिहासकार लिखते हैं कि वह उस पूरे परिवार की जिसमें औरत बच्चे बूढ़े सब शामिल होते उनकी बेरहमी से हत्या कर देता था और उनके खून पी जाता था। अपने दुश्मनों से बचने के लिए उसने ऊंची पहाड़ी पर अपना एक किला बनवाया था जहां पर वह अपने दुश्मनों को बांस के डंडे पर घोप कर जिंदा लटका देता था, जिससे उनकी तड़प तड़प कर मौत हो जाती और जब उनका शरीर सुख जाता तो वह पहाड़ी से नीचे फेंक देता था ताकि उसके दुश्मनों में खौफ पैदा हो जाए। यह सब करते हुए ड्रैकुला को बहुत मजा आता था, वह अब किसी की नहीं सुनता था उसने ऑटोमन सुल्तान को टैक्स देने से भी मना कर दिया था।
सुलतान ने उसके पास दो दूत भेजे ये कहने के लिए की वह जजिया टैक्स अता करें। जब वे दूत उसके महल में पहुंचे तो उसने दूतों को अपने सर से टोपी को उतार कर अपने पैरों में रखने के लिए कहा। दूतों ने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया तब ड्रैकुला ने उन सभी दूतों के टोपी को उनके सर पर ही कील से ठुकवा दिया, जिससे उन सभी दूतों की बहुत ही दर्दनाक मौत हो गई। ड्रैकुला ने दूतों की लाशों को ऑटोमन सुल्तान के पास भिजवा दिया।
ड्रैकुला ने लगभग 20,000 से ज्यादा तुर्क और बुल्गेरियाई सैनिकों की बहुत ही बेरहमी से हत्या कर दी थी। |
इसके बाद ऑटोमन सुल्तान मुहम्मद अल फातेहे ने ड्रैकुला को पकड़ने के लिए एक सेना भेजी। इस सेना की ड्रैकुला की सेना से बहुत ही खूनी लड़ाई हुई जिसमें ड्रैकुला ने लगभग 20,000 से ज्यादा तुर्क और बुल्गेरियाई सैनिकों की बहुत ही बेरहमी से हत्या कर दी, इस लड़ाई में ड्रैकुला बचकर भाग गया और अपनी सेना को मजबूत करने लगा।
तब ऑटोमन सुल्तान ने एक दूसरी सेना भेजी जिसमें उसका भाई रादु भी था। ड्रैकुला और ऑटोमन सेना की एक और लड़ाई हुई जिसमें ड्रैकुला मारा गया, जिसे इतिहास का सबसे खौफनाक हत्यारा कहा जाता है। ड्रैकुला अपने दुश्मनों को दर्दनाक मौत देने के लिए जाना जाता है। इतिहासकारों के अनुसार 15वीं शताब्दी के आसपास ड्रैकूल ने बहुत कत्ल-ए-आम मचाया। ड्रेकुला ने बच्चों, बूढ़े और महिलाओं की भी बड़ी ही बर्बरता पूर्वक हत्या करवाया।
ड्रैकुला के मरने पर रोमानिया के लोगों ने खुशी में जश्न मनाया। वहां पर आज भी ड्रैकुला की भयानक कहानियां पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों तक पहुंच रही हैं, जहां उसे कुछ लोग नायक तो कुछ लोग उसे खलनायक कहते हैं।