वैकोम मौलवी मोहम्मद अब्दुल क़ादिर केरल के एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जो नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर विश्वास रखते थे। उन्हें एक निडर पत्रकार के तौर पर याद किया जाता है, जिसने समाज सुधार के लिए मीडिया को एक ताक़तवर हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया।
वैकोम मौलवी मोहम्मद अब्दुल क़ादिर ‘स्वदेशाभिमानी’ अख़बार के संस्थापक और प्रकाशक थे, जिस पर ब्रिटिश राज और त्रावणकोर के दीवान की आलोचना के चलते 1910 में त्रावणकोर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था और उसे ज़ब्त कर लिया था। उन्होंने अपने स्टैंड पर माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया, हालांकि इसके कारण उन्हें भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा।
उन्होंने ऐसे समय में लोकतांत्रिक अधिकारों की हिमायत की जब भारत भर में नागरिक अधिकारों के आंदोलन को कोई रफ़्तार नहीं मिली थी। 59 वर्ष की आयु में उनका इस हाल में निधन हुआ कि समाज और समुदाय के सशक्तिकरण पर अपना सारा माल ख़र्च करने की वजह से वह क़र्ज़ में डूब गए थे।