प्रश्न: जाबिर इब्न हय्यान ने सल्फ्यूरिक एसिड की खोज कैसे की?
जाबिर इब्न हय्यान आठवीं सदी में रहते थे और इमाम के शिष्य थे। जाबिर ने कीमियागरों के संदर्भ उद्देश्यों और प्रयोगशाला प्रयोगों के लिए कई किताबें लिखीं। इसके अलावा, उन्होंने धातु की प्रकृति का सिद्धांत बनाया, उसे पुनर्व्यवस्थित किया और माना कि उन्हें परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक की आवश्यकता होती है।
उत्तर एवं स्पष्टीकरण:
जाबिर इब्न हय्यान ने कॉपर सल्फेट, जिंक सल्फेट, आयरन सल्फेट और कोबाल्ट सल्फेट को उबालने के बाद सल्फ्यूरिक एसिड की खोज की। यौगिकों को गर्म करने के बाद, वे अपने ऑक्साइड में परिवर्तित हो गए, इस प्रकार सल्फर ट्राइऑक्साइड और पानी निकला, जो संयुक्त होकर सल्फ्यूरिक एसिड बनाता है। उन्होंने 8वीं शताब्दी में इस प्रक्रिया की खोज की। पहले, सल्फ्यूरिक एसिड का उत्पादन सल्फेट खनिजों को गर्म करने पर निर्भर करता था जो विभिन्न रंगों को प्रदर्शित करते थे और जिन्हें विट्रियल तेल के रूप में भी जाना जाता था। जाबिर की खोज के बाद, विट्रियल कीमिया में एक आवश्यक तत्व बन गया, और यह सोने को छोड़कर सभी पदार्थों को घोलने में सक्षम था।