इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि आप इस बात से पूरी तरह अनजान हों कि आपके पसंदीदा खाने-पीने की चीजों में काफी अधिक मात्रा में अतिरिक्त चीनी हो।
आज बहुत से लोग खाने और नाश्ते के लिए क्विक और प्रोसेस्ड फूड को लेना पसंद करते हैं, जैसे सॉस, पीनट बटर, बिस्कुट, टोस्ट, कोल्डड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक्स। इसके आलावा लोग घर पर बने चीजों में भी स्वाद के लिए अधिक चीनी का प्रयोग करने लगें है, लेकिन ऐसे खाने पीने की चीजों से आपको स्वास्थ्य संबंधी कुछ गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इस तरह के फूड आइटम्स में अतिरिक्त शुगर की मात्रा होती है जो कि हमारे रोजाना के कैलोरी सेवन का एक बड़ा हिस्सा बनते हैं।
हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में, यह पाया गया कि एक औसत वयस्क इन उत्पादों में अतिरिक्त चीनी के माध्यम से लगभग 17% अधिक कैलोरी का उपभोग करता है। यह अधिक चीनी टाइप-2 मधुमेह के रोगियों और मोटापे जैसी अन्य बीमारियों के बढ़ने के प्राथमिक कारणों में से एक है।
चीनी खाने से कौन-कौन सी बीमारी होती है?
चीनी खाने से वजन बढ़ना
क्या मीठा खाने से वजन बढ़ता है? जी हां, हम जिन रेडीमेड पेय पदार्थों का सेवन करते हैं, वे मोटापे के बढ़ते मामलों के लिए सीधे जिमेदार हैं। इन पेय में फ्रुक्टोज होता है जो साधारण चीनी है। जब यह पेय पदार्थ शरीर में जायेगा तो यह भूख को बढ़ा देगा। चूंकि यह लेप्टिन हार्मोन को बदल देता है, जो आपके दिमाग को खाने से रोकने के लिए सचेत करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन है।
अधिक मुँहासे का कारण बन सकता है
यदि आप मुंहासों की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो इस बात की अधिक संभावना है कि यह उन भोजनों के कारण है जिनमें उच्च मात्रा में रिफाइंड कार्ब्स और अतिरिक्त मिठास है। उदाहरण के लिए, आप जो प्रोसेस्ड मिठाइयाँ खाते हैं, उनमें उच्च ग्लाइसेमिक की मात्रा होती है जो खून में रक्त शर्करा के स्तर को बहुत तेज़ी से बढ़ा देता है, जो एंड्रोजन स्राव में बाधा उत्पन्न करेगा। एंड्रोजन स्राव शरीर की सूजन और तेल उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होता है।
कैंसर का उच्च जोखिम
जब चीनी के प्रभाव की बात आती है तो कैंसर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यदि आप सभी पहलुओं को नजरअंदाज करते हैं, तो चीनी युक्त भोजन मोटापे का कारण बनता ही है जो स्वयं कैंसर के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा, कई अध्ययनों में दावा किया गया है कि बढ़ी हुई चीनी का सेवन आपके शरीर को इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी बनाने के साथ-साथ सूजन को भी बढ़ा देता है।
अवसाद का उच्च जोखिम
हमारा मूड हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन के प्रकार के साथ सीधे आनुपातिक होता है। जब हम स्वस्थ आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो यह निश्चित रूप से हमारे स्वास्थ्य में सुधार करता है। उच्च चीनी वाला भोजन आसानी से आपको अवसाद और चिंता में ले जाने का प्राथमिक कारण बन सकता है।
हृदय रोग में वृद्धि
ऐसे कई शोध मामले हैं जो हृदय संबंधी बीमारियों और चीनी युक्त आहार के बीच सीधा संबंध प्रदर्शित करते हैं। हम दुनिया भर में ऐसे मामलों की संख्या में बढ़ोतरी देख रहे हैं। हमारा दिल शरीर के वजन से सीधा प्रभाव डालता है और ऐसा कहकर हम कह सकते हैं कि मोटापा भी हृदय रोगों के लिए जिम्मेदार प्राथमिक कारकों में से एक है।
जैसा कि आप अब तक समझ चुके होंगे, अतिरिक्त चीनी वाले आहार नकारात्मक प्रभाव के लिए जिम्मेदार है। हम आहार से चीनी को पूरी तरह से खत्म करने का सुझाव नहीं दे रहे हैं, लेकिन इसकी अत्यधिक मात्रा आपके शरीर पर गंभीर नुकसान पहुंचाएगी। हर दिन 25 ग्राम से अधिक शुगर नहीं खाना चाहिए। इसलिए सॉफ्ट ड्रिंक, कोल्ड ड्रिंक, मिठाई खाना कम करें और मार्केट से स्मूदी, जूस के बजाय साबुत फल खाकर चीनी का सेवन कम करने की कोशिश करें। वजन को कंट्रोल में रखने के लिए सबसे पहले मीठा खाने की आदत पर नियंत्रण करें।