शहद ना केवल खाने में स्वादिष्ट होता है बल्कि इससे बहुत सी बीमारियों से बचाव भी होता है। शहद में प्राकृतिक रूप से एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल्स, एंटीऑक्सीडेंट (जो की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है) के गुण पाए जाते हैं, अपने इन्हीं गुणों के कारण यह अमृत के समान हो जाता है।
शहद में पाए जाने वाले पोषक तत्व –
प्रति 100 ग्राम शहद में फ्रक्टोज़ (लगभग 37.5%), ग्लूकोज़ (लगभग 31%), वसा(0 g), प्रोटीन(0.3 g), विटामिन B2(0.038 mg), विटामिन B3(0.121 mg), विटामिन बी5(0.068 mg), विटामिन B6(0.024 mg), विटामिन B9(2 μg), विटामिन C(0.5 mg), कैल्शियम (6 mg), आयरन (0.42 mg), मैगनीशियम (2 mg), फॉस्फोरस (4 mg) पोटेशियम(52 mg), सोडियम(4 mg), जस्ता(0.22 mg) से भरपूर होता है, जोकि सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए फायदेमंद है।
क़ुरआन और हदीस में शहद के बारे में क्या कहा गया है? ( What is the benefit of honey in Islam? )
कुरान मजीद में जहां पर जन्नत के खाने एवं पीने का तस्करा है वहां पर शहद का भी तस्करा है, इससे शहद के अहमियत का पता चलता है।
- कुरान के सुरह अन नहल (16) आयत नंबर 69 में अल्लाह ताला ने इरशाद फरमाया है “हर प्रकार के फलों का रस चूस और अपने रब द्वारा तैयार किए हुए मार्ग पर चलती रहे। उस मक्खी के अंदर एक रंग बिरंगी शरबत निकलते हैं जिसमें शिफा,रोगमुक्त है। लोगों के लिए यकीनन उसमें भी एक निशानी है उन लोगों के लिए जो चिंतन मनन करते हैं।”
- बुखारी शरीफ में हदीस नंबर 5682 से पता चलता है कि हजूर अकरम सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम को शिरीन और शहद बहुत पसंद था। इस लिए शहद खाना सुन्नत है।
- इब्ने माजा आयत नंबर 3452 अब्दुल्लाह बिन मसूद से रिवायत है कि आप सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने फरमाया कि “तुम दो शिफाओ यानी शहद और दूसरा कुराने पाक को जरूर पकड़ो (यानी इन पर अमल करो)।”
शहद से होने वाले लाभ –
- शहद में एलर्जी से लड़ने का गुण होता है जिससे आपको इस समस्या से बचने में सहायता मिलती है।
यह किसी भी प्रकार के इंफेक्शन को दूर करने में मददगार होता है । यही वजह है शहद गले और श्वासनली के इंफेक्शन में शहद आराम देता है । - शहद प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह किसी घाव में जीवाणुओं को फैलने से रोकता है। शहद के गाढ़ापन के कारण कोई फफूंदी और किटाणुन घाव में विकसित नहीं हो पाते, जिस कारण घाव ठीक होने लगता है । दूसरे विश्व युद्ध में एंटीबायटिक दवावों की कमी होने पर रूसियों ने भी अपने घायल सैनिकों के घाव ढकने के लिये शहद का उपयोग किया था । मधु की विशेषता है कि यह घाव में नमी को बनाए रखता है और घावों के निशान बाक़ी नहीं रहने देता है ।
- वजन घटाने के लिए शहद एक बेहतरीन उपाय है । खाली पेट, पानी में शहद के साथ नींबू डालकर पीने से धीरे धीरे मोटापा जाता रहता है।
- शहद उर्जा का एक अच्छे स्रोत है । यह शरीर को कार्बोहाइड्रेट और प्राकृतिक शर्करा ( फ्रक्टोज और ग्लूकोज ) प्रदान करता है जो सीधे खून में पहुंचकर ऊर्जा में बदल जाता है ।
- शहद त्वचा के विकारों को दूर कर, त्वचा में कसाव लाने में मदद करता है । यह त्वचा के लिए आवश्यक पोषण भी प्रदान करता है, जो उसे स्वस्थ और खूबसूरत बनाए रखता है । त्वचा के लिए शहद को खाना और लगाना दोनों ही लाभकारी है।
- खांसी होने पर काली मिर्च या लौंग के चूर्ण या फिर तुलसी के रस के साथ शहद का प्रयोग करने से फायदा होता है । सर्दी जुकाम जैसी समस्याओं में भी शहद बेहद लाभदायक होता है । गर्म प्रकतिक होने के कारण यह कफ को जमने से रोकता है ।
- शहद में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को पोषित कर नुकसान से बचाते हैं । एक शोध के अनुसार शहद शरीर की कैल्शियम सोखने की क्षमता को बढ़ाता है और यह दिमागी कोशिकाओं के लिए भी जरूरी है ।
- बेहतर मूड करने के लिए शहद का प्रयोग किया जा सकता है । चीनी की तरह शहद भी इंसुलिन को बढ़ाता है जिससे सेरोटोनिन का त्राव होता है । सेरोटोनिन मूड को बेहतर बनाकर खुशी का अहसास कराता है ।
- अगर नींद ना आए या ठीक से ना आए तो शहद का इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे बढ़े हुए इंसुलिन से स्त्रावित होने वाला हार्मोन सेरोटोनिन को मेलैटोनिन में बदलता है । जो नींद की अवधि और उसकी क्वालिटी तय करता है ।
शहद का उपयोग कैसे करें (How to use honey in hindi?) –
हर चीज को खाने का एक नियम होता है, अगर हम उसे नियम के अनुसार नहीं इस्तेमाल करते तो कोई लाभ नहीं होता, या लाभ बहुत लंबे वक्त बाद पता चलता है। इसलिए अगर शहद का लाभ अपने ऊपर जल्दी से देखना चाहते हैं तो एक नियम बना के उसके अनुसार उपयोग करें। जैसे- अगर आप सर्दी जुकाम में शहद का प्रयोग कर रहे हैं तो शहद को भी दवा की तरह दिन भर में 3-4 बार लें, अगर फैट कम करने के लिए प्रयोग कर रहे हैं तो हर रोज खाली पेट लें। आप को जल्द ही लाभ दिखने लगेगा।