दुनिया के पहले आधुनिक सर्जन ‘अबुल क़ासिम अल-ज़हरवी अल-अंसारी’ ( al-Zahrawi ) एक अरब चिकित्सक, सर्जन और रसायनशास्त्री थे। अल-ज़हरवी की पैदाइश सन् 936 ईस्वी में हुई थी। इन्हे मध्य युग और इस्लामी स्वर्ण युग के सबसे बड़ा सर्जनो में से एक माना जाता है। अल ज़हरवी को “आधुनिक सर्जरी का जनक” कहा जाता है।
स्पेन के मशहूर हुक्मरां अब्दुर रहमान अल नासिर थे उन्होंने अपनी सल्तनत की राजधानी कोर्डोबा (स्पेन) के पास एक आलीशान महल बनवाया था, जिसका नाम अल-ज़हरा था। इसी महल के इरगिर्द लोगों ने अपने घर बना कर एक बस्ती बसा ली, यहीं के रहने वाले थे अबुल क़ासिम अल-ज़हरवी। इसी लिए इस जगह के नाम से उनके नाम में ज़हरवी लक़ब शामिल हुआ।
उस दौर में कोर्डोबा की आबादी 10 लाख के करीब थी, जिसके लिए 50 अस्पताल थे। युवावस्था की शुरुआत में ही अल-ज़हरवी ने कॉर्डोबा विश्वविद्यालय में चिकित्सा का अध्ययन करना प्रारंभ कर दिया था। अल-ज़हरावी को मध्यकाल के सबसे बड़े कॉर्डोबा पुस्तकालय में प्रवेश की अनुमति दी गई थी इस शाही लाइब्रेरी में 2 लाख से ज़्यादा किताबे थीं। ऐसे माहौल में अबुल क़ासिम अल ज़हरवी का बचपन और जवानी गुज़रा और इस माहौल से फ़ायादा उठा कर उन्होंने दुनिया को मार्डन सर्जरी का तौफा दिया।
अल-ज़हरावी की प्रमुख उपलब्धियां-
- अल-ज़हरावी ने ज़ख्मों पर टाका और पट्टी लगाने की शुरुआत किया। उन्होंने आंतरिक टांके के लिए कैटगट (जानवरों के अंत के बने धागे जो अपने आप कुछ समय बाद गलने लगता है) का उपयोग किया। ज़हरावी ने सब से पहले बताया कि अगर इंसान के जिस्म के अंदरूनी हिस्से में टांके लगाने हों तो बिल्ली की आंत को धागे के तौर इस्तेमाल किया जाए क्यूंकि बिल्ली या घोड़े की आंतें इंसानी जिस्म में ही जज़्ब हो जाता है और धागा निकालने के लिए दोबारा सर्जरी नहीं करनी पड़ेगी।
- शल्य चिकित्सा के लिए 200 से अधिक सर्जिकल उपकरणों का अविष्कार किया जिनका आज भी थोड़ा बहुत बदलाव के बाद उपयोग किया जाता है।
- अल-ज़हरावी ने तक़रीबन 1200 साल पहले एक आंख वाले एक सख्श के मोतियाबिंद का सबसे पहला आपरेशन किया और मोतियाबिंद सर्जरी के लिए सर्जिकल उपकरण भी विकसित किए।
- मरीजों की जिस्म सुन करने की दवा भी सबसे पहले अल-ज़हरावी ने तलाश की थी।
अल-ज़हरावी पहले चिकित्सक थे जिन्होंने हीमोफिलिया की वंशानुगत प्रकृति की पहचान की - जहरावी ने गर्भावस्था का वर्णन किया और एक्टोपिक गर्भावस्था में सिजेरियन का सुझाव दिया और सिजेरियन के लिए सर्जिकल उपकरण भी विकसित किए ।
- अल-ज़हरावी ही पक्षाघात के मूल कारण की खोज करने वाले पहले व्यक्ति थे ।
- अल-ज़हरावी का प्रमुख कार्य किताब अत तसरीफ लिमन अजिज़ अन तालीफ़ (अल-तशरीफ़) (التصریف لمن عجز عن التالیف ) है, जो चिकित्सा पद्धतियों का एक तीस-खंड का विश्वकोश है। इस किताब में आंख, कान, नाक, गला समेत 200 से ज़्यादा तरह के सर्जरी के बारे में बताया गया है, साथ ही सर्जरी का फोटो भी दिया गया है। इसी लिए ज़हरावी को फादर ऑफ़ सर्जरी (बाबा ए जराहत ) कहा जाता है। इस किताब का लैटिन और हिब्रू में अनुवाद किया गया था, जो बहुत लोकप्रिय हुई और अगले पाँच सौ वर्षों के लिए यूरोप में मानक पाठ्यपुस्तक बन गई। सर्जिकल प्रक्रियाओं और उपकरणों के क्षेत्र में अल-ज़हरावी के अग्रणी योगदान का आधुनिक काल में पूर्व और पश्चिम में पूरी तरह से प्रभाव पड़ा, जहां उनकी कुछ खोजों को आज भी चिकित्सा में लागू किया जाता है।
इन्ही महान उपलब्धियों के कारण अबुल क़ासिम अल-ज़हरवी अल-अंसारी को ‘फादर ऑफ मार्डन सर्जरी’ भी कहां जाता है। इनकी लिखी किताब 1800वी सदी की आख़िर तक यूरोप की मार्डन सर्जरी की रेफरेंस रही ।